रमेशराज की चार मुक्तछंद कविताएं
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|| कौन छापेगा ये समाचार---1. ||
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बलात्कारी ने बलात्कार के खिलाफ़
समाचार छापा
और बन गया महान पत्रकार
कौन छापेगा ये समाचार ??
+रमेशराज
|| डूबती इज्ज़त—2. ||
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देह-व्यापारी देह
व्यापार के खिलाफ़
पत्रिका निकालेंगे ,
डूबती इज्ज़त को
इस तरह बचा लेंगे
+रमेशराज
+|| अर्थतन्त्र---3. ||
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आजकल सारे चाकू
दूरदर्शन से पढ़ा रहे हैं
अहिंसा के मन्त्र,
और इस तरह
अपने चरम विकास पर है
उदारनीति का अर्थतन्त्र |
+रमेशराज
|| चौथा शेर—4. ||
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सारे के सारे
सांस्कृतिक परिवेश को
भस्मासुर-भयातुर बना देने वाले
ओ मेरे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ !
अब क्यों न तुझे
एक नये नाम से पुकारूँ ?
क्यों न कह दूं
तुझे लोकतंत्र का चौथा शेर ?
+रमेशराज
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रमेशराज, 15/109, ईसानगर , अलीगढ़
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